आत्मनिर्भर भारत का यह मतलब नहीं की जो विभाग मुनाफे में है उनका भी कर दो निजीकरण: हाईकोर्ट
कहा, देश जब महामारी से जूझ रहा, ऐसे समय में बिजली विभाग का निजीकरण, समझ से परे
चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं है कि जो विभाग मुनाफे में चल रहे हैं और इस कोरोना महामारी में अपनी बेहतर सुविधाएं दे रहे हैं, उनका ऐसे समय में निजीकरण कर दिया जाए।
हाईकोर्ट ने कहा कि जब पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और इस दौरान शहर के हस्पताल अगर बेहतर सुविधाएं दे पाए हैं तो इसके लिए चंडीगढ़ का बिजली विभाग प्रशंसा का हक़दार है। हस्पतालों के आई.सी.यु., वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन इन सभी सुविधाओं को अगर शहर के सभी बड़े हस्पताल मरीजों को दे पाए हैं तो उसमे बिजली विभाग का एक बड़ा योगदान है और शहर का बिजली विभाग पिछले लम्बे समय न सिर्फ शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं दे रहा है, बल्कि मुनाफे में है और पड़ोस के राज्यों से सस्ती बिजली भी उपलब्ध करवा रहा है। ऐसे में इस महामारी के दौरान बिजली विभाग को निजी हाथों में देने की इतनी जल्दबाजी क्यों है। लिहाजा हाईकोर्ट ने इस पर 18 अगस्त तक रोक लगा दी है और अगली सुनवाई पर बहस के आदेश डी दिए हैं।