Himachal Pradesh

Online examination system ensuring transparency in recruitment process : DVS Rana

Chairman of the Himachal Pradesh Public Service Commission Major General (Retd) Dharamvir Singh Rana said that the Commission has earned many achievements during the last four years. The online examination process has been effectively implemented and there has been transparency and acceleration in the recruitment examinations being conducted by the Commission.

While addressing a press conference here today, he said that the commission has taken a historic decision of abolishing the selection process based on personal interview only. A special change has been done in the selection process and now 65 percent marks obtained in the sorting examination for the final selection would be on the basis of the subject of the post and preference has been given to 35 percent marks obtained in personal interview. This has been made mandatory so that the criteria of fairness and merit in the selection of the candidate could be established.

He said that online examination system has also been effectively implemented due to which the selection process has been intensified. On an average 374 recruitments were done in past four years from 2012 to 2016, whereas after 2017 it has intensified. In the year 2017 there were 754 recruitments, 1174 in 2018 and 1892 recruitments in year 2019 while 850 recruitments were made in year 2020 during the corona crisis.

He said that as a result of development in the field of information and communication technology, a lot of efforts have been made by the Commission to conduct online examinations. At present, facilitation centers have been established for conducting online examinations in every district of the state.

DVS Rana said the commission has adopted one time registration facility (OTR) and the candidate just need to register them only once and they could apply for different posts advertised by the commission from time to time. There is no need to go through the registration process again and again.

He said the candidates can see their answer booklets online within 30 minutes of the conclusion of the examination. The examination building of the commission on has been converted into a very modern computer lab where 350 candidates can take the online and offline examination at one time.

He said that the Commission has also established a question paper printing system in its premises, through which the question papers and answer sheets of various examinations were printed in the commission office at a low cost and in a short time. Apart from this, the evaluation of answer sheets is also done in the premises of the commission itself.

He said that with the aegis of the Government of India, the e-governance project for automation through information and communication technology has been started for the entire functioning of the Commission office and for the implementation of various activities. Demand letters for recruitment procedures, conduction of online examinations, review of answer sheets of the candidates, disposal of cases related to promotions of various departments and execution of many important functions of the Commission are being ensured. The Commission has also been awarded by the Open Group for doing remarkable work in this field. The award was given at a conference held in Bangalore on February 22nd, 2018 for promotion of the use of information technology in the Global Adolescent Open Group Jin.

The Chairman said the commission has also launched a mobile application on Android and IOS for the convenience of the candidates. The entire campus is being monitored through CCTV cameras and a new interactive website has also been launched to speed up the recruitment process.

 

आॅनलाइन परीक्षा पद्धति प्रभावी ढंग से की जा रही लागूः डीवीएस राणा

 

 

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) धर्मवीर सिंह राणा ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान आयोग ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। आयोग द्वारा विभिन्न पदों के लिए आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और तीव्रता आई है। आॅनलाइन परीक्षा पद्धति को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है।
आज यहां एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मई, 2020 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेकर आयोग ने केवल व्यक्तिगत साक्षात्कार आधार पर चयन प्रक्रिया को समाप्त कर इसमें एक विशेष बदलाव लाया अब अभ्यर्थी के अंतिम चयन के लिए छंटनी परीक्षा में प्राप्त अंकों का 65 प्रतिशत जो पद के विषय से संबंधित होगी तथा व्यक्तिगत साक्षात्कार में प्राप्त अंकों का 35 प्रतिशत को अधिमान दिया गया है। ऐसा करना इसलिए अनिवार्य किया गया है ताकि अभ्यर्थी के चयन में निष्पक्षता एवं योग्यता का मापदंड स्थाई तौर पर स्थापित किया जा सके।
डीवीएस राणा ने कहा कि आॅनलाइन परीक्षा पद्धति को भी प्रभावी ढंग से लागू किया गया है जिसके परिणामस्वरूप भर्ती प्रक्रिया में तीव्रता आई है। उन्होंने कहा कि 2012 से 2016 तक चार वर्षों में औसतन 374 भर्तियां की गई, जबकि 2017 के बाद इसमें तीव्रता आई है। वर्ष 2017 में 754, वर्ष 2018 में 1174, वर्ष 2019 में 1892 तथा कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में भी 850 भर्तियां की गई हैं।
उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुतायत विकास के परिणामस्वरूप आयोग द्वारा आॅनलाइन परीक्षाओं के आयोजन के लिए अत्याधिक प्रयास किए गए। वर्तमान में प्रदेश के हर जिले में आॅनलाइन परीक्षाओं के आयोजन के लिए सुविधा केंद्र चयनित किए गए हैं। इस व्यवस्था से भर्ती प्रक्रिया को अत्याधिक सरल, विश्वसनीय, पारदर्शी एवं अल्पावधि में पूरा करना तय किया गया है।
आयोग ने अभ्यर्थियों के पंजीकरण के लिए पहली बार ओटीआर (वन टाईम रजिस्ट्रेशन) की व्यवस्था अपनाई है, जिससे अभ्यर्थियों को एक बार अपना पंजीकरण करवाना होगा, जिसके परिणामस्वरूप अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा विभिन्न समय पर ज्ञापित पदों के लिए आवेदन करने के लिए बार-बार की प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं रहती है।
आॅनलाइन परीक्षा पद्धति में परीक्षा समापन के 30 मिनट के भीतर परीक्षार्थी को अपनी उत्तर पुस्तिका के आॅनलाइन पुनरीक्षण की व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है। आयोग के अपने परीक्षा भवन को अति आधुनिक कम्प्यूटर लैब में परिवर्तित किया गया है। इस परीक्षा भवन में 350 परीक्षार्थी आॅनलाइन एवं आॅफलाइन परीक्षा दे सकते हैं।
आयोग परिसर में भी प्रश्न पत्र मुद्रण प्रणाली की स्थापना की गई है। यह व्यवस्था पहली बार कार्यान्वित की गई है, जिसके माध्यम से आयोग विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों एवं उत्तर-पुस्तिकाओं की छपाई कार्यालय में भी कम लागत और अल्प समय में करने में सक्षम हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी आयोग परिसर में किया जाता है। यह व्यवस्था भी पहली बार की गई है। इस कदम से उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की गोपनियता को बढ़ाया है।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार के तत्वावधान एवं सहयोग से आयोग के कार्यालय की संपूर्ण कार्यप्रणाली एवं विभिन्न क्रिया-कलापों के क्रियान्वयन के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वचालन के लिए ई-गवर्नेंस परियोजना प्रारंभ की गई है। भर्ती प्रक्रियाओं के लिए मांग-पत्र, आॅनलाइन परीक्षाओं का संचालन, परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की समीक्षा, विभिन्न विभागों के पदोन्नतियों संबंधी मामलों का निपटान एवं आयोग के कई महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए ओपन समूह द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इस पुरस्कार को 22 फरवरी, 2018 को बंगलौर में वैश्विक अधिनायक ओपन समूह जिन का व्यापार क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रोत्साहन के लिए आयोजित एक सम्मेलन में दिया गया। सम्मेलन में कुल 126 देशों के सदस्य उपस्थित थे, जिनमें से पुरस्कार के लिए उरूग्वे, केन्या, मलेशिया, बंगलादेश, श्रीलंका, ताईवान एवं भारत का चयन किया गया था।
उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सुविधा के लिए पहली बार एंड्राॅयड के साथ-साथ आईओएस पर मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया गया है। लोक सेवा आयोग परिसर की सी.सी.टी.वी. कैमरों से निगरानी की जा रही है और भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक नई इंटरेक्टिव वेबसाइट भी शुरू की गई है।

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