आत्मविश्वास व आत्मनिर्भर परिवार से ही होगा आत्मनिर्भर भारत का निर्माण: कैप्टन संजय पराशर
आज चिंतपूर्णी विकास समिति द्वारा अग्रिम शिक्षण संस्थान के सहयोग से ए-टू-जेड बैंकेट हाल में आत्मनिर्भर भारत पर किया गया संवाद एवं सम्मान समारोह का आयोजन।
दीप प्रज्वलित कर मुख्यातिथि व गणमान्य अतिथियों व बेटियों ने सरस्वती वंदना से की कार्यक्रम की शुरुआत।
अग्रिम शिक्षण संस्थान की प्रशिक्षुओं को किया गया सम्मानित जिसमें हाथ से बनाई गई वस्तुओं जिसमें गुड़िया, रेड डॉल, डोरी शीशा, झूमर, कुशन कवर व सिलाई में कढाई वाला कुर्ता, कृष्णा सूट, बेबी किट, पिलो कवर, फ्रॉक- प्लाजो, विव कवर
इस कार्यशाला में वी आर मेरीटाइम संस्थान के संस्थापक कैप्टन संजय पराशर ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत, सी एस आई आर, नेशनल फिजिकल लैब के तकनीकी ऑफिसर पवन कुमार विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिंतपूर्णी विकास समिति के संस्थापक अश्वनी कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और चिंतपूर्णी विकास समिति के उद्देश्य को बताते हुए बताया कि व्यक्तिगत विकास जिसमें खेलों को बढ़ावा देना, आत्मनिर्भर परिवार बनाना व व्यक्ति का सामाजिक व आर्थिक उत्थान ही हमारा उद्देश्य है, जिसके लिए हमारी पूरी टीम प्रयासरत हैं। इस उपलक्ष्य पर चिंतपूर्णी विकास समिति के प्रतीक चिन्ह का मुख्यातिथि ने किया विमोचन।
इसी कार्यक्रम में मुख्यातिथि महोदय व गणमान्य अतिथियों ने युवतियों द्वारा हाथ से बनाये गए अलग अलग प्रकार की वस्तुओं का अवलोकन किया एवं सिलाई में बेस्ट 6 व कढाई में बेस्ट 6 को एवं सभी प्रतिभागियों को किया सम्मानित।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैप्टन संजय पराशर ने आज की हस्तकला से बनाई गई वस्तुओं का उदाहरण देते हुए कहा कि मातायों व बहनों की तपस्या साधारण मनुष्यों से कई गुणा होती है एक तरफ घर का काम और दूसरी तरफ अपनी कला व हुनर से अपने परिवार को छोटी छोटी खुशियां देती है और सबसे ज्यादा तपस्या करती हैं क्योंकि महिलाएं केवल घर को संभालने के साथ साथ सभी जीवों को भी संभालती हैं। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत नींव का शिलान्यास है इसको आगे ले जाने की आवश्यकता है, हमें पूरा विश्वास है कि हमारी बेटियां व बहने आत्मनिर्भर परिवार से आत्मनिर्भर भारत की तरफ कदम बढ़ाएंगी ओर हम अवश्य ही इसमें कामयाब होंगे।
उन्होंने चिन्तपूर्णी विकास समिति का इस तरह का लीक से हट कर कार्यक्रम करने के लिए बधाई दी और भविष्य में सहयोग करने की अपील की।
उन्होंने युवाओं को एन०डी० ए० व मर्चेन्ट नेवी में अपना भविष्य तलाशने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम में हाथ से बनाये गए उत्पादों में अनुराधा- खूबसूरत डॉल बनाने अल्का, रीना कुमारी, रेशमा को डोरी शीशा, अनिता को झूमर व पूनम को कुशन कवर के लिए सम्मानित किया गया।
सिलाई के लिए रेशमा कढ़ाई बाला कुर्ता, मोनू को कृष्णा सूट, नेहा ठाकुर को बेबी किट, अनिता को पिलो कवर, निशा को फ्रॉक प्लाजो एवं शिखा को विव-कवर व बेबी सूट के लिए एवं ट्रेनर मधुबाला व इंदुबाला को सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन में राज्य पुरस्कार विजेता संदीप कुमार, संजीव कुमार डिफेंस अकादमी चक, शिव कुमार – बाबा बड़भाग सिंह भारत गैस, अंकुश शर्मा- चीफ अफसर मर्चेन्ट नेवी, अश्वनी बक्शी- मैनेजिंग डायरेक्टर सरस्वती विद्या निकेतन कार्यक्रम प्रभारी ठाकुर दलीप सिंह, अग्रिम शिक्षण संस्थान के प्रभारी सुनील ठाकुर, राजन शर्मा, पुष्पिंदर शर्मा, संजीव राजन, मंगल सिंह, अजय शर्मा, नीतीश कौंडल- आर्किटेक्ट, चिंतपूर्णी विकास समिति के मुख्य संस्थापक प्रोफेसर के०सी०सूद, अध्यक्ष शादी लाल, उपाध्यक्ष सुमन, सचिव-मनोज कौशिक, कैशियर रीतेश पलियाल, संचार विभाग से नीरज नाथ, सदस्य प्रशांत शर्मा, रतन चंद, गौतम कुमार, अनिकेत, अमन, लव, लविश गौतम, अतुल ठाकुर, राजन, हर्ष परवीन कुमारी, अनु, प्रियंका शैली ठाकुर, जीवन, अंशुबाला, सुमन, शिखा, कश्मीर कौर, राज कुमारी, सीमा देवी, ज्योति, अनुराधा, रीना, रजनी व लगभग 140 स्थानीय युवायों व युवतियों ने भाग लिया।