
उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार वापसी, केजरीवाल की रणनीति ने बढ़ाया कद
उपचुनावों में शानदार प्रदर्शन , अरविंद केजरीवाल की रणनीति साबित हुई मास्टरस्ट्रोक”
नरेश शर्मा
हाल ही में देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नई ऊर्जा दी है। लुधियाना वेस्ट (पंजाब) की सीट पर मिली बड़ी जीत ने न सिर्फ पार्टी को मजबूती दी है, बल्कि अरविंद केजरीवाल की रणनीतिक वापसी भी सुनिश्चित कर दी है।
पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाकर केजरीवाल ने खुद चुनावी रणनीति बनाई और पूरे अभियान को नेतृत्व दिया। कांग्रेस और भाजपा ने जोरदार प्रचार किया और दावा किया कि संजीव अरोड़ा की जीत के बाद केजरीवाल राज्यसभा जा सकते हैं। हालांकि, जीत के बाद केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि वे राज्यसभा नहीं जा रहे हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने लुधियाना में जनसभाएं कीं और अपनी सरकार के कामकाज के आधार पर वोट मांगे। पार्टी ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस जीत से आम आदमी पार्टी का मनोबल बढ़ा है और 2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी शुरू हो गई है। केजरीवाल ने कहा, “2027 में अब पंजाब में तूफान आएगा।”
गुजरात के विसावदर उपचुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है। पार्टी के उम्मीदवार को 75,942 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। गुजरात में भी आप की रणनीति और प्रचार शैली पंजाब जैसी ही रही।
वहीं कांग्रेस इन उपचुनावों में आंतरिक कलह का शिकार नजर आई। लुधियाना में कांग्रेस उम्मीदवार भूषण आशु ने खुद ही प्रदेश अध्यक्ष राजा वड़िंग और प्रताप सिंह बाजवा को चुनाव प्रचार से दूर रखने की मांग की थी। स्थानीय नेताओं का मानना है कि आशु का अहंकार भी हार की बड़ी वजह बना।
भाजपा भी इन उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। पांच में से केवल एक सीट भाजपा के खाते में आई, जबकि वह “ऑपरेशन संधू” के नाम पर वोट मांग रही थी।
पार्टी के अनुशासन और एकजुट रणनीति को आम आदमी पार्टी की जीत का मुख्य कारण माना जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पार्टी प्रभारी मुनीश सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने पूरी ताकत से प्रचार किया। सरकार चलाने के साथ-साथ चुनाव प्रचार में भी सक्रिय भूमिका निभाई गई।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें उपचुनावों के नतीजों पर चर्चा के साथ आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। इस बैठक में पंजाब के सभी मंत्री और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
इन उपचुनावों ने यह साबित कर दिया है कि आम आदमी पार्टी फिर से राष्ट्रीय राजनीति में एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है।