
जिलाधीश और एसपी को सौंपा गया ज्ञापन, एफआईआर निरस्त करने की उठी मांग
ऊना, 24 मई : जिला ऊना के गगरेट क्षेत्र के एक पत्रकार पर समाचार प्रकाशन को लेकर दर्ज की गई एफआईआर के विरोध में जिलेभर के पत्रकारों ने आज जिला सचिवालय का घेराव किया। पत्रकारों ने एकजुट होकर इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की और एफआईआर को जल्द रद्द करने की मांग करते हुए जिलाधीश और एसपी ऊना को ज्ञापन सौंपा।
सुबह 11 बजे पत्रकार एमसी पार्क में एकत्रित हुए, जहाँ उन्होंने रोष रैली निकालकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। इस प्रदर्शन में विभिन्न पत्रकार संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे।
“दोनों पक्षों की खबर छापने पर एफआईआर अनुचित” – अमित शर्मा
प्रेस क्लब ऊना के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि जब समाचार में दोनों पक्षों के बयान प्रकाशित किए गए, तो पत्रकार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का औचित्य ही नहीं बनता। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर यह एफआईआर रद्द नहीं की गई, तो आंदोलन को प्रदेश स्तर पर ले जाया जाएगा।
“पत्रकारों को प्रताड़ित करना बंद करे प्रशासन” – जोगिंदर देव आर्य
वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जोगिंदर देव आर्य ने कहा कि यदि किसी को खबर से आपत्ति थी तो उन्हें कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए था, न कि पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए थी।
“जल्दबाज़ी में दर्ज की गई एफआईआर” – पंकज कतना
हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज कतना ने कहा कि इस एफआईआर से यह साफ है कि पत्रकार को दबाने के लिए यह कार्रवाई जल्दबाज़ी में की गई। लेकिन हम पत्रकारों को दबने नहीं देंगे। पत्रकारों के हितों की लड़ाई लड़ी जाएगी।
“जब सरकार पत्रकारों को नहीं बख्श रही…” – प्रिंस ठाकुर
देवभूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रिंस ठाकुर ने सवाल उठाया कि जब सरकार पत्रकारों पर मामले दर्ज कर रही है तो आम नागरिक की सुरक्षा की क्या गारंटी है।
“तुरंत निरस्त हो एफआईआर” – कृष्ण पाल शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण पाल शर्मा ने एफआईआर को तुरंत रद्द करने की मांग की और कहा कि यह पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक पत्रकार पर नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।
“हम पीछे नहीं हटेंगे” – अनिल ठाकुर
बंगाणा प्रेस क्लब के प्रधान अनिल ठाकुर ने कहा कि प्रशासन को सात दिन का समय दिया गया है। यदि एफआईआर निरस्त नहीं होती, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने से गुरेज़ नहीं किया जाएगा।
इस मौके पर जिला मुख्यालय सहित बंगाणा, अम्ब, दौलतपुर, गगरेट, हरौली ओर टाहलीवाल से आए पत्रकारों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पत्रकारों का कहना था कि यह मामला केवल एक पत्रकार का नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है। सभी पत्रकारों ने एक स्वर में इस एफ आई आर को निरस्त करने की मांग की।