
भाखड़ा डैम, BBMB और यमुना जल विवाद पर केंद्र को घेरा, राज्यों के अधिकारों की रक्षा की मांग
नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेश के अहम मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से उठाया। उन्होंने भाखड़ा और नंगल डैम की सुरक्षा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती का विरोध करते हुए कहा कि इससे राज्यों के अधिकार कमजोर होंगे।
CISF तैनाती का कड़ा विरोध
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक भाखड़ा और नंगल डैम की सुरक्षा पंजाब सरकार के हाथों में रही है और इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई। ऐसे में CISF की तैनाती न केवल राज्यों के अधिकारों में दखल है, बल्कि यह संघीय ढांचे की भावना के भी खिलाफ है। पंजाब ने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
BBMB में पंजाब के साथ भेदभाव का आरोप
भगवंत मान ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि BBMB में पंजाब के अधिकारियों की अनदेखी की जा रही है और बिना राज्य की सहमति के पानी छोड़ा जा रहा है, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि संघीय ढांचे के मूल सिद्धांतों के भी खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि BBMB की पक्षपाती कार्यशैली पर तुरंत रोक लगाई जाए।
YSL नहर का प्रस्ताव, SYL का विरोध
पंजाब ने एक बार फिर सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर का विरोध करते हुए यमुना-सतलुज लिंक (YSL) नहर का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब का यमुना जल पर वैध अधिकार है और जल संकट से जूझ रहे राज्य को और अधिक पानी देने की जरूरत नहीं है।
हरिके हेडवर्क्स की सफाई के लिए विशेष पैकेज की मांग
मुख्यमंत्री मान ने हरिके हेडवर्क्स की सफाई और पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 600 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि यह हेडवर्क्स पंजाब के लिए बेहद अहम है और इसकी स्थिति को सुधारना जरूरी है।