
कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सोंध नाभा के गांव कैदुपुर के खेतों में लगी आग का जायजा लेने पहुंचे
घायल मजदूर का पूरा इलाज करवाएगी सरकार, डॉ बलबीर ने खुद पीजीआई में उसके इलाज के लिए बात की है – सोंध
पटियाला/चंडीगढ़, 27 अप्रैल
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री तरुण प्रीत सिंह सोंध ने रविवार को नाभा के गांव कैदुपुर के करीब 25 एकड़ खेतों में लगी आग का जायजा लिया और स्थानीय किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना।
मंत्री सोंध ने किसानों को सरकार की तरफ से मदद का भरोसा दिया और कहा कि आग के कारण स्थानीय किसानों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के लिए पंजाब सरकार सभी को उचित मुआवजा देगी।
उन्होंने आग लगने के दौरान घायल हुए एक खेत मजदूर की स्थिति के बारे में भी जाना और कहा कि उसका सारा इलाज पंजाब सरकार करवाएगी। इसके लिए हमारे स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने खुद पीजीआई के डॉक्टरों से बात की है और उसका अच्छा इलाज करवाने को कहा है।
सोंध ने कहा कि आप सरकार पंजाब के किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। यहां के विधायक और हमारे कैबिनेट मंत्री डॉ बलबीर सिंह आज अमृतसर में हैं, इसलिए वह नहीं आ सकें, लेकिन उन्हें जैसे ही घटना के बारे में पता चला, उन्होंने तुरंत मुझे कॉल किया और यहां आने को कहा। अमृतसर से लौटने के बाद वह खुद भी यहां आएंगे।
उन्होंने कहा कि अचानक मौसम बदलने, बिजली के तारों की स्पार्किंग या बीड़ी-सिगरेट बिना बुझाए फेंक देने के कारण इस मौसम में खेतों में आग लग जाती है। इसके अलावा भी आग लगने के कई अन्य कारण होते हैं। लेकिन किसानों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। पंजाब सरकार उनके साथ खड़ी है। हम किसानों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होने देंगे।
इसके साथ ही मंत्री ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जो भी नुक्सान हुआ है उसका सर्वेक्षण करें और प्रभावित किसानों की सूची बनाकर शीघ्र मुआवजा प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने यह भी कहा कि आग जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि लोग सतर्क रहें और प्राकृतिक आपदाओं से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर सकें।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार किसानों की सरकार है और हमारा उद्देश्य सिर्फ राहत देना नहीं, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकना भी है। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिजली के तारों की नियमित जांच करवाएं और जिन क्षेत्रों में फायर सेफ्टी इंतजाम नहीं हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर फायर अलर्ट सिस्टम लगाया जाए।