
पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध
गिरफ्तार आरोपी मनप्रीत मनी गैंगस्टर लक्की पटियाल का सदस्य: डीजीपी गौरव यादव
गिरफ्तार गैंगस्टर के बाएं पैर में गोली लगी; इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया: एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान
चंडीगढ़/फरीदकोट, 15 मार्च:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार संगठित अपराध के खिलाफ जारी अभियान के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए, पंजाब एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने फरीदकोट पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में फरीदकोट में संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद विदेश में स्थित गैंगस्टर गौरव उर्फ लक्की पटियाला और दविंदर बंबीहा गैंग के एक फरार सदस्य को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए आज यहां पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया।
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान मनप्रीत सिंह उर्फ मनी के रूप में हुई है, जो मोगा के तलवंडी भागड़ियां का रहने वाला है। पुलिस टीमों ने उसके कब्जे से चार जिंदा कारतूस समेत .30 बोर पिस्तौल और एक मोटरसाइकिल बरामद की है।
पुलिस टीमों ने आरोपी मनप्रीत उर्फ मनी को पनाह देने और उसे लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने के आरोप में उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान फरीदकोट के चानिया के जगमीत सिंह उर्फ मीता और फिरोजपुर के महिमा गांव के आकाशदीप सिंह के रूप में हुई है।
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस को यह सफलता बुधवार को मनप्रीत मनी के सह-आरोपी मलकीत सिंह उर्फ मनु को चार कारतूस और .32 बोर पिस्तौल के साथ गिरफ्तार करने के कुछ दिनों बाद ही मिली है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपी मलकीत मनु ने मनप्रीत उर्फ मनी के साथ मिलकर 19 फरवरी 2025 को मोगा के गांव कपूरा में अपने प्रतिद्वंद्वी पर हमला किया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक महिला के पैर में गोली लगी। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी 26 फरवरी 2025 को जगरांव के राजा ढाबे पर हुई गोलीबारी की घटना, जिसकी योजना विदेशी गैंगस्टर लक्की पटियाला ने बनाई थी, में भी शामिल थे।
डीजीपी ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है ताकि इसके पीछे के संबंधों का पता लगाया जा सके।
ऑपरेशन का विवरण साझा करते हुए एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बैन ने बताया कि मलकीत उर्फ मनु की गिरफ्तारी के बाद एजीटीएफ टीमों ने उससे पूछताछ के दौरान एकत्र किए गए सुरागों और मानव/तकनीकी जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए फरीदकोट क्षेत्र में उसके साथी मनप्रीत मनी को ट्रेस कर लिया।
एआईजी गुरमीत सिंह चौहान और डीएसपी बिक्रमजीत बराड़ की निगरानी में एजीटीएफ की टीमों ने एसआई हरदविंदर सिंह के नेतृत्व में फरीदकोट पुलिस के साथ संयुक्त अभियान के तहत कार्रवाई की। जब आरोपी मनप्रीत मनी को फरीदकोट के ढिलवां रोड के पास रुकने के लिए कहा गया, तो उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस टीमों ने जवाबी कार्रवाई की। एडीजीपी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान आरोपी मनी के बाएं पैर में गोली लगी और उसे इलाज के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस टीमों ने उसके कब्जे से एक .30 बोर पिस्तौल बरामद की है।
एआईजी गुरमीत चौहान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से ही मौजूद है और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और लूटपाट से संबंधित लगभग छह मामले दर्ज हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मनप्रीत उर्फ मनी 24 जनवरी 2025 को फरीदकोट जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद लक्की पटियाल और दविंदर बंबीहा गैंग के अन्य संचालकों के लिए काम कर रहा था, जिन्होंने उसे पंजाब में विभिन्न अपराधों को अंजाम देने का काम सौंपा था। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है ताकि इसके पीछे के संबंधों का पता लगाया जा सके।
इस संबंध में थाना सादिक, फरीदकोट में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 (1), 132 और 221 तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर नंबर 20, दिनांक 14/03/2025 दर्ज की गई है।