मनेश कुमार ने संभाला अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर का कार्यभार
मनेश कुमार ने संभाला अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर का कार्यभार
नाहन 19 अप्रैल – सिरमौर जिला में हरियाणा के भिवानी से संबंध रखने वाले मनेश कुमार ने अतिरिक्त उपायुक्त का कार्यभार संभाल लिया है। 2018 बैच के आईएएस अधिकारी इससे पूर्व अम्ब में बतौर उप मंडलाधिकारी कार्यभार संभाल चुके हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिकता जिला में लोगों की समस्याओं को दूर करना और सरकार की सभी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाना है। इसके अतिरिक्त सभी विभागों में बेहतर समन्वय स्थापित करना भी उनकी प्राथमिकता रहेगी।
कालाअम्ब में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित,
शिविर में पीड़ित या उसके परिवार को मिलने मुआवजा व नालसा मोबाइल एप के बारे में दी जानकारी
नाहन 19 अप्रैल – जिला सिरमौर के विकासखंड नाहन की ग्राम कालाअम्ब में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरमौर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन आयोजन किया गया, जिसमें सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरमौर माधवी सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रही।
इस अवसर पर माधवी सिंह ने पंचायत वासियों को विभिन्न कानूनी पहलुओं से अवगत करवाया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लोगों को बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरमौर द्वारा दी जाने वाली निशुल्क कानूनी सलाह व सहायता का फायदा अवश्य उठाएं।
उन्होने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गूगल प्ले स्टोर पर नालसा मोबाइल एप लांच किया गया। आम जनता इस एप के माध्यम से कानूनी सहायता के लिए आवेदन तथा निशुल्क सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि नालसा एप के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल के जरिए कानूनी सहायता के लिए आवेदन कर सकता है। इस मोबाइल एप में यह भी दर्शाया गया है कि कौन-कौन व्यक्ति मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। इस एप द्वारा मध्यस्थता व पूर्व मध्यस्थता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। एप द्वारा किसी भी आवेदन व प्रार्थना पत्र की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि कोर्ट को यह अधिकार है कि वह क्रिमिनल केसों में सजा सुनाते वक्त धारा 357 का इस्तेमाल कर पीड़ित या उसके परिवार को मुआवजा देने का आदेश दे सकता है। यह रकम जुर्माने के तौर पर भी मुजरिम से वसूल कर पीड़ित या उसके परिवार को दी जा सकती है। 2009 में सीआरपीसी की धारा 357 ए का प्रावधान किया गया। इसके तहत बताया गया कि अगर कोर्ट को लगे कि क्रिमिनल केस में पीड़ित मुआवजे का हकदार है तो वह राज्य सरकार को निर्देश दे सकता है कि सरकार पुनर्वास के लिए पीड़ित को मुआवजा दे।