
— 2019 से जेल से बाहर था आरोपी अमोलक, एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत 10 एफआईआर का सामना कर रहा है: डीजीपी गौरव यादव
— गिरफ्तारी से बचने के लिए अक्सर अपना ठिकाना बदलते रहते थे दोनों आरोपी: सीपी अमृतसर गुरप्रीत भुल्लर
चंडीगढ़/अमृतसर, 4 मार्च:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार चल रहे ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने एक व्यक्ति और उसके पुत्र को गिरफ्तार किया है, जो नशे के कारोबार में बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं। यह जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को दी।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान अमोलक सिंह और उसके पुत्र महाबीर सिंह के रूप में हुई है, दोनों तरनतारन के गांव ठठा के निवासी हैं। पुलिस टीमों ने आरोपियों के कब्जे से 1 लाख रुपये की ड्रग मनी, एक फर्जी हथियार लाइसेंस, दो हथियार (एक .30 बोर पिस्टल, दो मैगजीन और 15 जिंदा कारतूस, एक .306 सिंगल बैरल स्प्रिंगफील्ड राइफल और पांच जिंदा कारतूस) बरामद किए हैं। इसके अलावा, उनकी टोयोटा कोरोला कार भी जब्त कर ली गई है।
यह कार्रवाई अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट की धारा 21सी, 23, 271 और 29 तथा आईपीसी की धारा 212 और 216 के तहत दर्ज एफआईआर नंबर 15 (20/01/2024) में दोनों आरोपियों के नामजद होने के एक साल से अधिक समय बाद अंजाम दी गई है।
गौरतलब है कि इस मामले में सात अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो सगे भाई मनजीत सिंह उर्फ मन्ना और लवजीत सिंह उर्फ लव उर्फ लाभ शामिल हैं, जिन्हें भी नशे के कारोबार में बड़े स्तर पर सक्रिय माना जाता था। इनकी गिरफ्तारी 3 किलोग्राम हेरोइन, 5 लाख रुपये की ड्रग मनी और अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहनों के साथ हुई थी।
जिक्र योग्य है कि दोनों आरोपी भाई 2015 से फरार थे और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) मुंबई द्वारा 260 किलोग्राम हेरोइन और दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा 356 किलोग्राम हेरोइन जब्त करने के मामलों में वांछित थे।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी अमोलक सिंह अपने बेटे के साथ मिलकर एक बड़ा ड्रग कार्टेल चला रहा था।
उन्होंने बताया कि अमोलक 2019 में जेल से बाहर आया था, लेकिन तब से वह अवैध गतिविधियों में सक्रिय था और फरार चल रहा था। उसके खिलाफ पंजाब भर में एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत 10 एफआईआर दर्ज हैं।
डीजीपी ने यह भी बताया कि जांच के दौरान आरोपियों के कब्जे से बरामद किया गया हथियार लाइसेंस फर्जी पाया गया है। इस संबंध में आगे की जांच जारी है और और भी बरामदगी की संभावना है।
ओर जानकारी देते हुए अमृतसर के पुलिस आयुक्त (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि दोनों आरोपियों की शहर में मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने के बाद पुलिस टीमों ने अमृतसर के प्रीत विहार स्थित उनके घर पर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि दोनों आरोपी पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी कई संपत्तियों के मालिक हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपने ठिकाने बदलते रहते थे। इस मामले में आगे की जांच जारी है।