मायावती 8 फरवरी को पंजाब के दौरे पर: नवांशहर में करेंगी विशाल रैली
मायावती 8 फरवरी को पंजाब के दौरे पर
नवांशहर में करेंगी विशाल रैली
अकाली बसपा गठजोड़ पूर्ण बहुमत से पंजाब में बनायेगा सरकार – गढ़ी
चंडीगढ़ 28 जनवरी
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पंजाब के अध्यक्ष जसवीर गढ़ी ने शुक्रवार को कहा कि शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन पंजाब में स्पष्ट बहुमत के साथ अगली सरकार बनाएंगे। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि बहन मायावती 8 फरवरी से पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए नवांशहर सेविशाल रैली से अभियान शुरू करेंगी। उन्होंने आगे कहा, अब जब शिअद-बसपा पंजाब में चुनाव लड़ रही हैं तो कांग्रेस का सफाया होना निश्चित है । गढ़ी ने कहा कि बसपा-शिअद गठबंधन 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत के साथ पंजाब को कांग्रेस पार्टी के कुशासन से मुक्त करेगा।
उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के दिल में पंजाब का खास स्थान है और बसपा के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम भी पंजाब के ही थे।
गढ़ी ने बताया कि बसपा ने 20 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने के फैसले से कांग्रेस में घबराहट है , बसपा पंजाब इकाई के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान में कहा, पार्टी कार्यकर्ताओं को ईमानदारी से काम करना चाहिए और प्रत्येक सीट पर बसपा-शिअद गठबंधन की जीत के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना है कि बसपा-शिअद पंजाब में एक लोकप्रिय सरकार बनाए जो जनता के कल्याण और विकास के लिए काम करे।
पंजाब में कांग्रेस सरकार को भ्रष्ट बताते हुए, गढ़ी ने कहा, यह सरकार सभी मोचरें पर विफल रही। पंजाब के लोग कांग्रेस सरकार के कुशासन से मुक्त होना चाहते हैं। कांग्रेस नेताओं के बीच कलह के कारण लोगों के कल्याण की अनदेखी की गई है। बसपा और शिअद कार्यकर्ताओं को गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने मतभेदों को भूल जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि घबराहट में कांग्रेसी सभी तरह के हथकंडे अपना रही है बीते दिनों उन्होंने बसपा की 20 सीटों देने के बाबत विरोध प्रकट करने में अपने डमी समर्थक खड़े किए हुए थे , दूसरी ओर भाजपा की सीटें तो 23 हैं लेकिन उनका वोट प्रतिशत सिर्फ 19 प्रतिशत बनता है जबकि बसपा की 20 सीटों से ही 17% वोट प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दलित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी बार-बार दोआबे का चक्कर लगा रहे हैं वह दलितों को अपनी सरकार को ही दलितों की सरकार कहकर वोट मांग रहे हैं यह उनकी घबराहट की निशानी है