Himachal Pradesh

जिला प्रशासन की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने से बढ़ा ऊना का मान :स्कॉच फाउंडेशन के तीन अवार्ड जीते

जिला प्रशासन की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने से बढ़ा ऊना का मान
जिला प्रशासन ऊना ने स्कॉच फाउंडेशन के तीन अवार्ड जीते
ऊना, 7 जनवरीः जिला ऊना में पिछड़े तबके को समाज में उचित अवसर प्रदान करने तथा उनके उत्थान के लिए अनेकों योजनाओं को संचालन किया जा रहा है, जिनका लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंच रहा है तथा अब इन कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है।
जिला प्रशासन की ऊना सुपर-50 योजना को स्कॉच फाउंडेशन ने सिल्वर अवार्ड, जबकि संजीवनी परियोजना को स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट से नवाजा है। वहीं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू की गई गरिमा, आशीर्वाद, संबल व नवजीवन योजनाओं को सामूहिक रूप से स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया है। संजीवनी तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला ऊना में आरंभ की गई चारों स्कीमें सेमिफाइनल तक पहुंची और ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित हुई।
उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए समस्त जिलावासियों के साथ-साथ इन योजनाओं के संचालन के साथ जुड़े विभागों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जिलावासियों के सहयोग से इन सभी योजनाओं का संचालन जिला ऊना में सफलतापूर्वक किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने पात्र लाभार्थियों से इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।
ऊना सुपर-50 योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग प्रदान करने की जाती है, ताकि वह प्रतिस्पर्धा के दौर में पिछड़ न जाएं। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जेईई व नीट की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दो वर्ष तक फ्री कोचिंग दी जाती है, जिसके लिए धनराशि जिला परिषद ऊना तथा माता श्री चिंतपूर्णी ट्रस्ट के माध्यम से प्रदान की जाती है। ऊना सुपर-50 के पहले बैच से अब तक 5 विद्यार्थियों को एनआईटी कॉलेजों में प्रवेश मिला है, जो इस योजना की सफलता का प्रमाण है।
वहीं संजीवनी परियोजना के तहत जिला ऊना में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला प्रशासन ऊना ने ग्रामीण विकास विभाग के साथ-साथ आयुर्वेद विभाग के सहयोग से अंब उपमंडल में लगभग अढ़ाई हेक्टेयर भूमि पर सहजन व अश्वगंधा के 77,000 से अधिक औषधीय पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जा रहा है। औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय बढ़ रही है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू की योजनाएं
जिला ऊना में शिशु लिंगानुपात वर्ष 2011 में 874 तक पहुंच गया था, जिसे सुधारने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत अनेकों योजनाएं आरंभ की गई है। डीसी कार्ड, बेटियों की उपलब्धियों को दर्शाने वाले बोर्ड जैसी नई पहल की गई ताकि समाज का दष्टिकोण बेटियों के प्रति बदले। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने गरीब परिवारों से संबंध रखने वाली बेटियों को व्यावसायिक कोर्स करवाने के लिए आशीर्वाद योजना भी शुरू की, जिसके तहत प्रोफेशनल कोर्स करने वाली गरीब बच्चियों की पढ़ाई की पूरी फीस जिला प्रशासन प्रदान करता है।
जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने कहा “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत संचालित की जी रही योजनाओं को बढ़ाते हुए हमने गरिमा, संबल व नवजीवन जैसी योजनाएं आरंभ की, जिनकी मदद से समाज में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है। स्कॉच फाउंडेशन ने भी इन योजनाओं की सफलता को सराहा और इन योजनाओं को स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया है।”
गरिमा योजना में जहां बेटियों को गोद लेने वाले और बेटी की उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेने वाले परिवारों को 30 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, वहीं महिला उद्यमिता को भी सम्मानित किया जाता है। जबकि संबल योजना के तहत जिला प्रशासन अति-गरीब परिवार के पात्र बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है, ताकि घर के मुखिया का निधन हो जाने पर या किसी कारणवश लाचार हो जाने पर बच्चों की शिक्षा में कोई कमी न रहे। नवजीवन योजना के तहत विधवा महिलाओं को आजीविका उपार्जन के लिए सहायता प्रदान की जाती है। परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की अकस्मात मृत्यु पर महिलाओं को अपना काम शुरू करने के लिए जिला प्रशासन मदद प्रदान करता है। यदि कोई विधवा महिला आजीविका के लिए तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना काम शुरू करना चाहती है तो उसे नव-जीवन योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
-0-

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Sorry Content is protected !!