मनप्रीत बादल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, यूनियन लीडर का तबादला करवाना पड़ा भारी
बठिंडा थर्मल प्लांट की यूनियन के नेता ने अपने ट्रांसफर के आदेशों को दी थी हाईकोर्ट में चुनौती
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को बठिंडा थर्मल प्लांट की यूनियन के नेता गुरसेवक सिंह का ट्रांसफर करवाना हाईकोर्ट में भारी पड़ गया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मनप्रीत बादल के दबाव में पीएसपीसीएल ने जिस यूनियन नेता का बठिंडा से रोपड़ ट्रांसफर किया था उसके आदेश सरकार ने अब वापिस ले लिए हैं और इसके बारे में हाईकोर्ट को जानकारी भी दे दी है।
इस याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल डी.एस, पटवालिया ने हाईकोर्ट को बताया कि यूनियन नेता के ट्रांसफर आर्डर अब सरकार ने वापिस ले लिए हैं। गुरसेवक सिंह ने अपने ट्रांसफर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि सरकार ने जब बठिंडा के थर्मल प्लांट को बंद करने का फैसला किया था तो वह और उनकी यूनियन के लोग लगातार इसका विरोध कर रहे थे। इस विरोध से तंग आकर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पीएसपीएल के सीएमडी को 26 अक्तूबर को पत्र लिख गुरसेवक सिंह का बठिंडा से बाहर ट्रांसफर करने को कहा। इसके बाद गुरसेवक सिंह का 3 नवंबर को बठिंडा से रोपड़ ट्रांसफर कर दिया।
अपने ट्रांसफर के आदेशों को गुरसेवक सिंह ने एडवोकेट लवनीत ठाकुर के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दे दी और कहा कि एक तो वित्त मंत्री का पीएसपीसीएल से कोई लेनादेना नहीं तो कैसे वह उनके ट्रांसफर के लिए पत्र लिख सकते हैं, दूसरा वह अगले साल 30 अप्रैल को रिटायर होने जा रहे हैं और पॉलिसी के अनुसार जिस कर्मचारी की रिटायरमेंट में एक साल से कम का समय रह गया हो उसका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। इस पर हाईकोर्ट ने जब सरकार से जवाब तलब किया तो एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने खुद अदालत में पेश हो कहा कि गुरसेवक सिंह के ट्रांसफर के आदेश अब वापिस ले लिए हैं। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताते हुए इस मामले का निपटारा कर दिया है।