PUNJAB CABINET RELAXES UPPER AGE LIMIT FOR CONTRACTUAL EMPLOYEES FOR DIRECT STATE GOVT RECRUITMENT
APPROVES AMENDMENT TO SERVICES RULES OF PATIALA & AMRITSAR MEDICAL, DENTAL & NURSING COLLEGES
Chandigarh, December 17:
In a significant decision, the Punjab Cabinet on Thursday relaxed the upper age limit for contractual employees of various categories working under the Punjab Government to apply for the posts to be filled up through direct recruitment. The cabinet has decided to relax the provisions of Rule 5 and 5-A of the Punjab Civil Services (General and Common Conditions of Service) Rules, 1994 under Rule 19 of the above rules.
The initiative is aimed primarily to overcome the hardships being faced by most of the contractual employees working under different departments of the Punjab Government as they could not apply against direct recruitment posts due to excess age. Their demand for relaxation could not be accepted earlier due to the financial implications.
In another move aimed at promoting efficiency and transparency in the functioning of state Medical, Dental and Nursing Colleges in Amritsar and Patiala, the Punjab Cabinet on Thursday approved amendment to the existing service rules of the faculty in these institutions.
The Cabinet gave the go-ahead to amend the Punjab Medical Education (Group-A) Service (Second Amendment) Rules, 2020 in the Punjab Medical Education (Group-A) Service Rules, 2016, Punjab Dental Education (Group-A) Service (Second Amendment) Rules, 2020 in Punjab Dental Education (Group-A) Service Rules, 2016, Punjab Nursing Education (Group-A) Service (Second Amendment) Rules, 2020 in Punjab Nursing Education (Group-A) Service Rules, 2016 and Punjab Nursing Education (Group-B) Service (First Amendment) Rules, 2020 in Punjab Nursing Education (Group-B) Service Rules, 2016.
The amended Medical Education (Group A) Service, Rules 2016 would pave the way for initiating the process of seamless recruitment against vacant posts in the Government Medical Colleges.
चंडीगढ़, 17 दिसम्बर:मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के इंजीनियरिंग विंग में जूनियर इंजीनियरों के 81 पदों की भर्ती पंजाब लोक सेवा आयोग (पी.पी.एस.सी.) से करवाने का फ़ैसला किया है।इससे पहले राज्य सरकार ने इन पदों को पी.पी.एस.सी. के दायरे में से निकाल लिया था और इनकी भर्ती का जिम्मा थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नॉलॉजी (टी.आई.ई.टी.) को सौंप दिया गया था। 31 जनवरी, 2020 को मंत्रीमंडल की हुई मीटिंग के दौरान इन पदों की भर्ती पी.पी.एस.सी. के अधिकार क्षेत्र में से निकालकर थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला या महाराजा रणजीत सिंह यूनिवर्सिटी, बठिंडा जो कि तालमेल विभाग की तरफ से नोटीफायी की गई स्वतंत्र एजेंसियों में से एक हैं, को नियुक्त करते हुए एक समय के लिए उठाए गए कदम के तौर पर करवाने की मंजूरी दी गई थी।हालाँकि, कोविड के मद्देनजऱ थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नॉलॉजी लिखित परीक्षा नहीं करवा सका। इसके बाद वित्त विभाग ने 17 जुलाई, 2020 को नये वेतनमान नोटीफायी कर दिए और थापर इंस्टीट्यूट के द्वारा भर्ती की प्रक्रिया लम्बित रख ली गई थी।गुरूवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल की वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह फ़ैसला लिया गया कि 81 पद (79 जे.ई. और 2 जे.ई. इलैक्ट्रिकल) जो विभाग के इंजीनियरिंग विंग के पुनर्गठन के बाद सृजन किए गए थे, को मंत्रीमंडल के 14 अक्तूबर, 2020 के फ़ैसले के आधार पर अन्य विभागों के जे.ई के खाली पदों के साथ पी.पी.एस.सी. द्वारा सांझी भर्ती प्रक्रिया के द्वारा भरे जाएंगे।पंचायत समितियों में काम करते टैक्स कुलैक्टरों के वेतनमान संशोधित:मंत्रीमंडल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग अधीन पंचायत समितियों में काम कर रहे टैक्स कुलैक्टरों के वेतनमान संशोधित करने की मंजूरी दे दी है। इस फ़ैसले से टैक्स कुलैक्टरों के मौजूदा वेतनमान 5910-20200 2400 ग्रेड पे से बढक़र 10300-34800 3600 ग्रेड पे हो जाएंगे। यह संशोधित वेतनमान हुक्म लागू होने की तारीख़ से अमल में आएंगे और इससे राज्य के खजाने पर सालाना 9 लाख रुपए का अतिरिक्त खर्चा आएगा।जि़क्रयोग्य है कि पंजाब पंचायत समिति और जि़ला परिषद सेवाएं रूल्ज -1965 के मुताबिक टैक्स कुलैक्टरों के पद पंचायत सचिव में से भरे जाते हैं। हालाँकि, टैक्स कुलैक्टर वेतनमान 5910-20200 3200 ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं जबकि पंचायत सचिव 10300 -34800 3200 ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं जिससे कि बड़े स्तर पर त्रुटि पैदा होती है। निष्कर्ष के तौर पर मंत्रालय ने इस फ़ैसले से मौजूदा वेतनमानों के बीच की त्रुटि को ठीक किया है।