सरकार के बदलते ही पिछली सरकार के करीब रहे पुलिस अधिकारीयों के लिए खड़ी हो जाती हैं मुश्किलें: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन.वी. रमन्ना ने वीरवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य में सरकार के बदलते ही पिछली सरकार के करीब रहे पुलिस अधिकारीयों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं, जब तक एक पुलिस अधिकारी सत्तादारी पार्टी के साथ रहता है, तब तक उनके लिए चीजें आसान होती हैं।
जस्टिस एन.वी. रमना ने गुरुवार को टिप्पणी छत्तीसगढ़ के आई.पी.एस. अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए की है, जिनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। जस्टिस रमन्ना ने कहा कि हाल ही में पुलिस अधिकारियों को देशद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जब वह सत्ताधारी राजनीतिक दल के साथ रहते हैं, तब तक उनके लिए चीजें आसान होती हैं और जैसे ही वह दल जिसके वह करीबी रहे होते हैं सत्ता खो देता है तो इन अधिकारीयों की मुसीबतें बढ़ने लगती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आई.पी.एस. अधिकारी को इस मामले में अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ चार सप्ताह तक किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
कबीले गौर है कि देशद्रोह की धारा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब 7 याचिकाएं पेंडिंग हैं, जिसमे इस धारा वैधता पर सवाल उठाये गए हैं और बताया गया है कि यह धारा अंग्रेजी राज के समय से चली आ रही है और अब इस धारा का दुरूपयोग किया जा रहा है, ऐसे में अब इसे ख़त्म किए जाने की मांग की गई है।