शहीद की विधवा ने 11 सालों तक लड़ी इंसाफ के लिए जंग, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी पक्ष में सुनाया फैसला
शहीद की विधवा ने 11 सालों तक लड़ी इंसाफ के लिए जंग, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी पक्ष में सुनाया फैसला
पढ़िए कैसे इस विधवा ने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी इंसाफ की लड़ाई
एक सैनिक जिसकी ऑपरेशन रक्षक के दौरान जम्मू-कश्मीर में 2010 में ड्यूटी के दौरान हुई मौत पर हरियाणा सरकार ने उसकी विधवा को एक्स-ग्रेशिया ग्रांट देने से इंकार कर दिया था, उस विधवा को अब सुप्रीम कोर्ट से 11 वर्षों की लम्बी क़ानूनी लड़ाई के बाद जीत हुई है और अब सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि वह विधवा को एक्स-ग्रेशिया ग्रांट जारी करे।
इस पूरी लड़ाई में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के अरुण सिंगला जोकि इस विधवा के वकील हैं, उन्होंने विधवा का आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक साथ देते हुए विधवा के हक़ में इंसाफ दिलवाने में अहम भूमिका अदा की है। दरअसल मामला यह है कि विधवा का पति दिलीप सैकिया जोकि अंबाला के रहने वाले थे कि जम्मू-कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्यूटी लगी हुई थी। 11 अगस्त 2010 की रात को जब वे पेट्रोलिंग पर थे तब काफी भारी बारिश हो रही थी और इसी भारी बारिश के कारण जिस बैंकर में वह थे वह गिर गया, जिसमे दिलीप सैकिया की मृत्यु हो गई थी। दिलीप सैकिया की मृत्यु के बाद आर्मी ने दिलीप की पत्नी रीता सैकिया को फॅमिली पेंशन शुरू कर दी। इस फैमिली पेंशन को पहले आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में चुनौती दी गई, जहां ट्रिब्यूनल ने विधवा के पक्ष में फैसला सुना दिया।
इसके बाद शहीद की पत्नी ने हरियाणा सरकार से 10 लाख रूपए एक्स-ग्रेशिया ग्रांट की मांग की, जिसे सरकार ने यह कह कर ख़ारिज कर दिया कि सैनिक की मौत बनकर गिरने से हुई है, उसकी जान किसी आतंकी हमले में नहीं गई है। विधवा ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर दी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने विधवा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर सैनिक की मृत्य युद्ध संभावित एरिया में होती है तो भी वह एक्स-ग्रेशिया ग्रांट का अधिकारी है। इस फैसले को हरियाणा सरकार ने पहले डबल बेंच में चुनौती दी जो ख़ारिज हो गई, इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी ख़ारिज करते हुए विधवा के पक्ष में ही फैसला सुना दिया है। इस तरह एक विधवा को 11 सालों तक कानून की लड़ाई लड़ने के बाद इंसाफ मिल पाया है।