बी.पी.एड. कोर्स में अब पढ़ाया जाएगा गुल्ली-डंडा, कंचे और स्टापू जैसे खेलों को
बी.पी.एड. कोर्स में अब पढ़ाया जाएगा गुल्ली-डंडा, कंचे और स्टापू जैसे खेलों को
तांकि देश के परम्परागत खेलों से आगामी पीढ़ी की करवाई जाए पहचान
बचपन में लगभग हम सभी ने गुल्ली-डंडा, कंचे और स्टापू जैसे खेल खेले होंगे लेकिन आज इन खेलों को खेलते हुए बच्चे नजर नहीं आते हैं। ऐसे में देश के इन परम्परागत खेलों को प्रोहत्साहित करने के लिए मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी आगे आई है। यूनिवर्सिटी ने अब अपने बेचलर और फिसिकल एजुकेशन (बी.पी.एड) कोर्स में अब गुल्ली-डंडा, कंचे और स्टापू को भी शामिल कर दिया है। यूनिवर्सिटी अब तक इस कोर्स में क्रिकेट, वॉलीबाल, बास्केटबाल, स्वीमिंग, रेसलिंग आदि 25 खेलों के बारे में पढ़ाती है। अब इस कोर्स में गुल्ली-डंडा, कंचे और स्टापू जैसे खेलों को भी शामिल कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत इन खेलों के प्रति प्रोहत्साहित किये जाने के लिए इन्हे कोर्स में शामिल किया गया है।