45 तक पहुंचा ऑक्सीजन सेचुरेशन, 18 दिन में कोविड को हराकर स्वस्थ हुआ 58 वर्षीय बुजुर्ग
45 तक पहुंचा ऑक्सीजन सेचुरेशन, 18 दिन में कोविड को हराकर स्वस्थ हुआ 58 वर्षीय बुजुर्ग
हरोली कोविड अस्पताल में बेहतर सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार का किया धन्यवाद
ऊनाः कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को जिला ऊना के कोविड अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हरोली कोविड अस्पताल से स्वस्थ होकर घर पहुंचे ऐसे कई मरीज आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व प्रदेश सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं।
बंगाणा के भलेट गांव निवासी 58 वर्षीय रमेश कुमार (बदला हुआ नाम) ने 18 दिन तक कोविड-19 से लड़ाई लड़ी और अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। रमेश के पुत्र कहते हैं “मेरे पिता का एसपीओ लेवल 50 तक पहुंच गया था और कुछ देर चलने पर यह 45 तक पहुंच जाता था, लेकिन हरोली अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की मेहनत से आज पिता जी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मुझे लगता है कि हरोली कोविड अस्पताल पूरे हिमाचल प्रदेश में सबसे बेहतर सेवाएं दे रहा है।”
एक वक्त ऐसा भी आया जब डॉक्टरों ने उनकी हालत को देखते हुए रमेश को मेडिकल कॉलेज टांडा के लिए रेफर कर दिया, लेकिन वहां से अनुमति नहीं मिली। ऐसे में हरोली कोविड अस्पताल में ही उनका इलाज जारी रखा गया। अस्पताल में चौदह दिन तक इलाज के बाद उनकी तबीयत में सुधार आया और रूम एयर में उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 तक पहुंचा। इसके बाद कुछ दिन तक डॉक्टरों की निगरानी में रखने के कुछ दिन के बाद उन्हें घर जाने की इजाजत मिल गई।
रमेश कुमार के पुत्र स्वयं उनके साथ हरोली अस्पताल में 14 दिन तक रहे। अपने पिता की सेवा की और उन्हें वापस स्वस्थ होते हुए देखा। रमेश कुमार के पुत्र बताते हैं “मैं अपने पिता जी के साथ हरोली में ही रहा। इलाज के दौरान न सिर्फ उन्हें बेहतर सुविधाएं मिली, बल्कि मुझे भी कोई कमी नहीं आने दी।”
किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ होने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ-साथ ईश्वर में विश्वास रखना नितांत आवश्यक हैं। सीएमओ ऊना डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि रमेश कुमार इलाज के दौरान कभी निराश नहीं दिखे। उन्हें इस बात का पूर्ण विश्वास था कि जल्द ही वह स्वस्थ होकर घर वापस पहुंच जाएंगे। ईश्वर की कृपा, हरोली अस्पताल में तैनात स्टाफ व अपने सकारात्मक दृष्टिकोण की मदद से ही वह कोरोना को हरा पाने में कामयाब हुए हैं।
वहीं जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने कहा कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण में आने के बाद सही समय पर इलाज जरूरी है क्योंकि अगर ऑक्सीजन का स्तर गिरता है तो उसे अस्पताल में ही ठीक किया जा सकता है। घर पर उपचार संभव नहीं है। ऐसे में सर्दी खांसी, बुखार व सांस में दिक्कत के लक्षण आने पर तुरंत अपना टेस्ट करवाएं ताकि सही समय पर सही इलाज मिल सके।