ब्लैक फंगस का जिला ऊना में कोई मामला नहीं, स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदः सीएमओ
ब्लैक फंगस का जिला ऊना में कोई मामला नहीं, स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदः सीएमओ
शुगर व कैंसर जैसे रोगों से जूझ रहे कोविड-19 रोगियों को अधिक सतर्क रहने की सलाह
ऊना (20 मई)- जिला ऊना में अभी तक ब्लैक फंगस के संक्रमण का कोई मामला नहीं है तथा स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। इस बारे जानकारी देते हुए सीएमओ ऊना डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमितों की आंखों पर हमला करता है।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में ब्लैक फंगस से संक्रमित व्यक्ति को जुकाम, नाक बंद होना, नाक से खून आना, दर्द, चेहरे पर सूजन व कालापन आना जैसे लक्षण आते हैं। संक्रमण फैलने पर मरीज बेहोश होने लगता है व अन्य मानसिक दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। इस रोग से आंखों, फेफड़ों व अंदरूनी अंगों पर प्रभाव पड़ता है और यह पहले से ही कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों पर आसानी से हमला करता है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को शुगर की बीमारी है या जो स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उन पर इसका खतरा अधिक है।
डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि कैंसर का इलाज करा रहे मरीज या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों को भी ब्लैक फंगस प्रभावित कर रहा है। कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, ऐसे मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेष रूप से अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों को अधिक से अधिक समय तक मास्क का प्रयोग करना चाहिए तथा अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी 7 दिन तक घर पर भी मास्क लगा कर रखें।
स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद
सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। इससे बचने के लिए सभी चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि नियमित रूप से ऑक्सीजन पाइप की सफाई रहें तथा डिस्टिलड वॉटर का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से बचाव के लिए अपने खान-पान का ध्यान रखना आवश्यक है। अपने खाने में जिंक, मल्टी विटामीन तथा प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं व अगर ब्लैक फंगस के लक्षण आएं तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने ऊना के कोरोना संक्रमितों का बढ़ाया मनोबल
होम आइसोलेशन में कोविड-19 संक्रमितों के लिए आयोजित वर्चुअल प्राणायाम सत्र में शामिल हुए डॉ. सैजल
ऊना (20 मई)- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने आज होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे जिला ऊना के कोविड-19 मरीजों से वर्चुअली बात की तथा उनका मनोबल बढ़ाया।
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के ‘आयुष घर द्वार’ कार्यक्रम के तहत कोरोना संक्रमितों के लिए आयोजित वर्चुअल योग एवं प्राणायाम सत्र में डॉ. सैजल जुड़े तथा संस्था के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 2-3 हजार कोरोना संक्रमित तकनीक के माध्यम से प्राणायाम सत्र के साथ जुड़ते हैं, जिससे उन्हें लाभ होता है। उन्होंने कहा ‘आयुष घर द्वार’ कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हो रहा है तथा निरंतर योग की क्रियाएं करने से इसका लाभ मिलता है। योग व प्राणायाम से श्वसन तंत्र मजबूत होता है तथा कोरोना के संक्रमण से रिकवरी आसान होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित अपने सामर्थ के अनुसार नित योग करें तथा संक्रमण खत्म होने के बाद भी अभ्यास जारी रखें।
उन्होंने सभी मरीजों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की तथा कहा कि प्रदेश सरकार भी कोविड-19 वायरस से निपटने के लिए बेहतर प्रबंध कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश में कहीं भी कोरोना संक्रमितों के लिए किसी चीज की कमी नहीं है। पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन, दवाएं व अन्य उपकरण हैं। प्रदेश सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है लेकिन जनता से भी सहयोग की आशा है। हिमाचल प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है, ऐसे में लोग अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें तथा कोरोना की चेन तोड़ने में मदद करें। उन्होंने कहा कि कोई समस्या होने पर कोरोना संक्रमित फोन के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकते हैं तथा वह समस्या का निवारण करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
‘आयुष घर द्वार’ कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कोरोना संक्रमितों से प्राणायाम के लाभ तथा उनके अनुभव भी जाने।