Live-in -Relation में रह रहे प्रेमी जोड़े भी मांग सकते हैं सुरक्षा: High Court
Live-in -Relation में रह रहे प्रेमी जोड़े भी मांग सकते हैं सुरक्षा: High Court
Live-in -Relation में रह रहे प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा दी जा सकती है या नहीं? इस पर हाईकोर्ट ने अब एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है कि Live-in -Relation में रह रहे प्रेमो जोड़े भी सुरक्षा की मांग कर सकते हैं और संविधान जैसे प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा का अधिकार देता है वह अधिकार इन्हे भी है।
हाईकोर्ट ने Live-in -Relation में रह रहे एक प्रेमो जोड़े को सुरक्षा देने के लिए संबंधित जिले के एस.पी. को इनकी मांग पर गौर कर उचित कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं। हाल ही में Live-in -Relation में रह रहे प्रेमो जोड़ों को लेकर पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि इस रिश्ते को सामाजिक और नैतिक दोनों तरीके से स्वीकार नहीं किया जा सकता है, ऐसे में इस रिश्ते को सुरक्षा नहीं दी जा सकती है। अब जस्टिस सुधीर मित्तल ने एक प्रेमी जोड़े की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि संविधान प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा का अधिकार देता है। प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह अपने साथी के साथ कैसा रिश्ता रखता है, फिर चाहे वह विवाह हो या Live-in -Relation ।
Live-in -Relation की अवधारणा पश्चिमी देशों से आई है जिसमे शिक्षा का भी बड़ा योगदान है। अब धीरे-धीरे इस रिश्ते को लेकर समाज में स्वीकार्यता भी बढ़ी है। पहले यह सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित था। लेकिन अब छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में यह चलन बढ़ रहा है। इस रिश्ते को लेकर कोई पाबन्दी नहीं है और नाही ही इसे गैर-क़ानूनी कहा जा सकता है, ऐसे में इस रिश्ते को लेकर भी नागरिक सुरक्षा की मांग कर सकते हैं।