Punjab

मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन से फिर इन्कार, कहा मौजूदा पाबंदियाँ कई राज्यों के लॉकडाउन से ज़्यादा सख़त

मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन से फिर इन्कार, कहा मौजूदा पाबंदियाँ कई राज्यों के लॉकडाउन से ज़्यादा सख़त

 

दुकानों के पड़ाववार खोले जाने का ऐलान और हाऊसिंग के लिए रियायतें, सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की संख्या 50 प्रतिशत की

 

खाद्य विभाग को स्मार्ट कार्ड लाभार्थीयों को 10 किलो अतिरिक्त आटा देने की हिदायत, कोविड मरीज़ों के लिए 5 लाख और फूड किटों का ऐलान

 

खर्चों संबंधी अधिकार सरपंचों को दिए और शहरी स्थानीय ईकाइयां स्थानीय स्तर की आवश्यक ज़रूरतों की पूर्ति करेंगी

 

चंडीगढ़, 5 मईः

 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से इन्कार कर दिया और कहा कि मौजूदा में समय लगाईं गई पाबंदियाँ कई राज्यों के लॉकडाउन हालातों से ज़्यादा सख़्त हैं। उन्होंने इस मौके पर कोविड के बढ़ते खतरे के मद्देनज़र विभिन्न वर्गों के लोगों की मुश्किलें दूर करने के लिए छूटों और राहतों का ऐलान भी किया।

इन राहतों में दुकानों का पड़ाववार खोला जाना और हाऊसिंग क्षेत्र के लिए कई छूटें शामिल हैं जिनमें राज्य की शहरी विकास अथॉरिटी द्वारा प्राईवेट हो या अलॉटिड दोनों श्रेणियों के लिए प्लाटों /प्रोजेक्टों के निर्माण की अनुमति अवधि तीन महीने बढ़ाई गई है।

कोविड के बढ़ते मामलों के सम्मुख मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की संख्या 50 प्रतिशत तक किये जाने के हुक्म दिए और बाकी अध्यापक घरों से ऑनलाइन क्लासें लेंगे। उन्होंने खाद्य विभाग को कोविड मरीजों के लिए 5 लाख अतिरिक्त खाने के पैकेट तैयार करने के हुक्म दिए जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि हर मरीज़ को व्यक्तिगत तौर पर यह पैकेट मिले फिर चाहे एक परिवार में एक से अधिक मरीज़ ही क्यों न हों। राज्य सरकार द्वारा 1.41 लाख स्मार्ट राशन कार्ड लाभार्थीयों को अतिरिक्त तौर पर 10 किलो आटा देने का भी ऐलान किया गया है। खाद्य संबंधी यह मदद पहले से ही ग़रीब वर्ग के कोविड पीड़ित व्यक्तियों को दी जा रही एक लाख फूड किटों से अलग है जिसके अंतर्गत 10 किलो आटा, 2 किलो चने और 2 किलो चीनी प्रदान की जा रही है, यह सहायता भारत सरकार द्वारा घोषित मदद के अतिरिक्त है।

बन्दिशों के कारण हो रही दिक्कतों का नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने सामाजिक कल्याण विभाग को कहा कि सामाजिक सुरक्षा/पैंशन तुरंत जारी की जाए जिससे लोगों को मौजूदा संकट के चलते आगे कोई परेशानी न हो।

वृद्धि की मंजूरी के अलावा हाऊसिंग क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री ने सभी शहरी विकास अथॉरिटी को निर्देश दिए कि 1 अप्रैल 2021 से 31 जुलाई 2021 तक के समय के लिए ग़ैर निर्माण शुल्क /विस्तार शुल्क /लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क न लिया जाये। इससे आगे शहरी विकास अथॉरिटी को 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2021 तक के समय की किश्तों में देरी पर ब्याज माफ किया जाये, बशर्ते इसे 1 अगस्त 2021 के बाद समान मासिक किश्तों में अदा किया जाये।

चुनिन्दा दुकानों को बंद करने पर दुकानदारों में पाए जा रहे रोष को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ज़िला प्रशासन के अधिकारियों को कहा कि वह अपने-अपने जिलों में पड़ाववार दुकानें खोलने की योजना पर काम करें। इससे पहले कई कैबिनेट मंत्रियों ने चुनिन्दा दुकानें बंद करने पर पाए जा रहे रोष का मुद्दा उठाया। मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा और भारत भूषण आशु ने कहा कि दुकानदार ख़ासकर शहरी क्षेत्र के दुकानदार राज्य में लगाई गई बंदिशों के हिस्से के तौर पर चुनिन्दा दुकानें बंद करने से परेशान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंद करने का उद्देश्य भीड़ से बचाव करना था परन्तु ज़िला प्रशासनों द्वारा पड़ावों में खोलने पर काम किया जा रहा है।

इससे पहले वित्त मंत्री ने कैबिनेट के ध्यान में लाया कि कीमतें निर्धारित करने के बावजूद प्राईवेट अस्तपाल द्वारा कोविड मरीज़ों से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच की जाये और ऐसा करने वाले प्राईवेट अस्पतालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये।

कैबिनेट मीटिंग की वर्चुअल तौर पर अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब के प्रतिबंधों की तुलना दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों सहित अन्य स्थानों पर लगाए गए प्रतिबंधों के साथ की और कहा कि यह ज़रूरी नहीं कि सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर लोगों की तत्काल और ज़रूरी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा गाँवों में गरीबों और ज़रूरतमंदों को भोजन और दवाओं के रूप में ज़रूरी राहत प्रदान करने के लिए सरपंचों को पंचायती फंड में से अधिक से अधिक 50,000 रुपए ख़र्च करने की शर्त पर प्रति दिन 5000 रुपए ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया गया। सभी शहरी स्थानीय इकाईयों को भी गरीबों और ज़रूरतमंदों को भोजन और दवाओं सहित ज़रूरी राहत देने के लिए म्युंसिपल फंड में से ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया गया है।

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