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हाईकोर्ट ऐसे आदेश नहीं दे सकता, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव और दो देशों के बीच संबंध ख़राब हों: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ऐसे आदेश नहीं दे सकता, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव और दो देशों के बीच संबंध ख़राब हों: हाईकोर्ट

 

 

यूनाइटेड किंगडम (UK) में हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सजा काट रहे तीन दोषी जिन्हे दोनों देशों के बीच हुए ट्रांसफर ऑफ़ सनटेंसेड पर्सन्स (TSP) समझौते के तहत पंजाब की जेल में शिफ्ट किया गया है, उनकी पैरोल की मांग पर पंजाब सरकार के नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के तहत ही गौर किया जा सकता है।

जस्टिस संत प्रकाश ने यह आदेश ऐसे तीन दोषियों की पैरोल की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए हैं, तीनों की पैरोल की मांग को ख़ारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इन मामलों में दोनों देशों के बीच हुए TSP समझौते के तहत ही गौर किया जा सकता है और हाईकोर्ट ऐसे कोई आदेश जारी नहीं कर सकता, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव और दो देशों के बीच संबंध ख़राब हों। इन समझौते के तहत जो सजा उन्हें यु.के. में सुनाई गई थी, उसकी अवधि अब उन्हें इस समझौते के तहत यहां की जेल में पूरी करनी होगी।

बता दें कि ऐसे तीन दोषी जिन्होंने UK में अलग-अलग मामलों में हत्या के दोष में सजा सुनाई गई थी। उन्हें दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत पंजाब शिफ्ट किया गया था। वह इस समय पंजाब की अलग-अलग जेलों में रह रहे हैं। इनमे से एक दोषी ने अपनी शादी तो अन्य दोनों ने अपने घर के रेनोवेशन के लिए पैरोल देने की मांग की थी। तीनों ने पहले सम्बंधित अथॉरिटी से पैरोल दिए जाने की मांग की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया। जिसके बाद तीनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि वह पंजाब की जेल में हैं और इसलिए उन्हें पंजाब जेल मेन्युअल के तहत ही पैरोल दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने तीनों की याचिकाएं ख़ारिज करते हुए कहा कि इन तीनों को TSP समझौते के तहत ही भारत में पंजाब की जेलों में शिफ्ट किया गया है। ऐसे में इन पर इस समझौते की शर्तों के अनुसार ही गौर किया जा सकता है, इस मामले में पंजाब सरकार महज इनकी संरक्षक भर है।

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