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सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की तेज़ी से जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन

सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की तेज़ी से जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन

पहली नजऱ में मूसेवाला का कत्ल लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप और लक्की पटियाल ग्रुप के बीच की आपसी गैंगवॉर: डी.जी.पी. पंजाब

डीजीपी ने कहा, घर से निकलते समय सिद्धू मूसेवाला अपनी सुरक्षा के लिए तैनात दो पुलिस कर्मियों को साथ नहीं लेकर गया, अपनी बुलेट प्रूफ़ कार भी घर ही छोड़ गया

चण्डीगढ़, 29 मई:

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब वी.के. भावरा के दिशा-निर्देशों पर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) बठिंडा रेंज प्रदीप यादव ने शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की प्रभावी और तेज़ी से जांच को सुनिश्चित बनाने के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी सदस्यों में एसपी इन्वेस्टिगेशन मानसा धर्मवीर सिंह, डीएसपी इनवैस्टीगेशन बठिंडा विश्वजीत सिंह और इंचार्ज सीआईए मानसा प्रिथीपाल सिंह शामिल हैं।

सिद्धू मूसेवाला, जो दो व्यक्तियों गुरविन्दर सिंह (पड़ोसी) और गुरप्रीत सिंह (चचेरे भाई) के साथ शाम 4:30 बजे के करीब अपने घर से निकला था, का कुछ अनजाने व्यक्तियों ने गोलियाँ मारकर कत्ल कर दिया। शुभदीप सिंह अपनी महेन्द्रा थार गाड़ी चला रहा था।

डीजीपी वीके भावरा ने यहाँ प्रैस कॉन्फ्ऱेंस को संबोधित करते हुए बताया कि जब सिद्धू मूसेवाला गाँव जवाहर के पहुँचा तो उनके पीछे एक सफ़ेद रंग की कोरोला गाड़ी आई और उनको सामने से दो कारों एक सफ़ेद रंग की बोलैरो और एक डार्क ग्रे स्कॉर्पीयो ने घेर लिया।

उन्होंने कहा ‘‘सिद्धू मूसेवाला और उसके दोस्तों पर सामने से भारी गोलीबारी की गई, जिसमें सभी गोली लगने से ज़ख्मी हो गए।’’ उन्होंने आगे कहा कि पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुँची और तीनों को सिविल अस्पताल मानसा ले जाया गया, जहाँ सिद्धू मूसेवाला को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि उसके चचेरे भाई और दोस्त की हालत स्थिर बताई जा रही है और उनको इलाज के लिए आगे पटियाला रैफर कर दिया गया है।

सिद्धू की सुरक्षा वापस लेने पर डीजीपी ने कहा कि घल्लुघारा सप्ताह के मद्देनजऱ पुलिस ने कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ड्यूटी के लिए सिद्धू मूसेवाला के सिफऱ् दो सुरक्षा कर्मियों को अस्थाई तौर पर वापस लिया था, जबकि उनके साथ कमांडो बटालियन के दो पुलिसकर्मी अभी भी तैनात थे। उन्होंने बताया कि आज घर से निकलते समय सिद्धू अपने दो पुलिस मुलाजि़मों को साथ नहीं लेकर गया और अपनी निजी बुलेट प्रूफ़ कार भी घर ही छोड़ गया।

डीजीपी ने कहा कि पहली नज़ में यह लॉरेंस बिश्नोयी ग्रुप और लक्की पटियाल ग्रुप के बीच अंतर-गिरोह दुशमनी लगती है। उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोयी ग्रुप ने सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की जि़म्मेदारी ली है और इसको विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल का बदला बताया है।

जि़क्रयोग्य है कि विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल के मामले में तीन शूटरों-सनी, अनिल लठ और भोलू, जोकि सभी हरियाणा के रहने वाले हैं, को पहले ही दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल द्वारा गिरफ़्तार किया जा चुका है, जबकि एक अन्य मुलजि़म जिसकी पहचान शगनप्रीत के तौर पर हुई है, जोकि सिद्धू मूसेवाला का मैनेजर था, को विक्की के कत्ल सम्बन्धी दर्ज एफआईआर में भी मुलजि़म के तौर पर नामज़द किया गया है। शगनप्रीत ऑस्ट्रेलिया भाग गया है और पुलिस को उसकी तलाश है।

डीजीपी ने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि अपराध में 7.62 एमएम, 9 एमएम और 0.30 बोर समेत तीन हथियारों का प्रयोग किया गया था जिसकी जांच की जा रही है।

बताने योग्य है कि डीजीपी ने आईजी बठिंडा रेंज प्रदीप यादव, एसएसपी मानसा गौरव तूरा और एसएसपी बठिंडा जे एल्नचेजिय़न को मानसा में ही मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं, जबकि एडीजीपी कानून और व्यवस्था द्वारा सिद्धू मूसेवाला के कातिलों को पकडऩे के लिए अपेक्षित फोर्स जुटा ली गई है

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