Punjab

ग्रामीण इलाकों में कोविड के मामले बढऩे पर मुख्यमंत्री ने गाँवों को सिफऱ् कोविड निगेटिव व्यक्तियों को प्रवेश करने देने के लिए कहा

कोरोना के शुरूआती लक्षण आने पर इलाज में देरी न करने की अपील
चडीगढ़, 14 मई:
राज्य में कोविड की पहली लहर से बड़े स्तर पर बेअसर रहे ग्रामीण इलाकों में अब कोविड के पैर पसारने के मद्देनजऱ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज गाँव-वासियों को अपने-अपने गाँवों में सिफऱ् उन व्यक्तियों को दाखि़ल होने देने की अपील की जो कोरोना वायरस से मुक्त हों।
फेसबुक के लाइव प्रसारण के दौरान पंजाब निवासियों को बताते हुए मुख्यमंत्री ने अगले दो महीने ग्रामीण इलाकों में सख़्त कदम उठाने का न्योता दिया है और उन्होंने आने वाले दो महीनों को बहुत ही गंभीर समय बताया। उन्होंने कहा, ‘‘अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिस कारण हमें बहुत संभल कर कदम उठाने की ज़रूरत है।’’ उन्होंने गाँव-वासियों को ठीकरी पहरे लगाने की भी अपील की, जिससे बाहरी लोगों को दूर रखने और सिफऱ् कोविड निगेटिव लोगों को ही गाँवों में प्रवेश करने की इजाज़त दी जा सके।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को अपने मौहल्ले और गाँव बचाने का न्योता दिया, जिससे इसके साथ ही अपने आप को, अपने परिवारों को और पंजाब को बचाया जा सके। उन्होंने गाँव-वासियों को इलाज के लिए अस्पताल जाने में देरी न करने के लिए कहा। उन्होंने गाँव-वासियों से अपील की, ‘‘हमारे पास हरेक जगह डॉक्टरों की टीमें हैं और यदि आप ठीक महसूस नहीं करते तो इन डॉक्टरों से संपर्क करो।’’ उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इलाज में देरी होने से लोगों को स्तर-3 में जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस समय पर एल-2 के 50 प्रतिशत बेड भरे हुए हैं, जबकि एल-3 के लगभग 90 प्रतिशत बेड भरे हुए हैं और राज्य सरकार 2000 और बेड शामिल करने की प्रक्रिया में है, जिसको लोगों द्वारा समय पर इलाज के लिए न जाने का कारण बताया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस बीमारी के तीन पड़ाव हैं, जिनमें से पहली स्टेज पर घर में ही प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने लोगों को लक्षणों का पहला संकेत मिलने पर ही तुरंत डॉक्टर के पास जाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने पंजाब निवासियों से अपील की, ‘‘इलाज करने का फ़ैसला डॉक्टरों को करने दो, अपने आप ही जाँच और दवाएँ ना लें।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘मुझे तो यह समझ नहीं आता कि आप इस ढंग से अपने परिवारों और राज्य के हितों को नुकसान क्यों पहुँचा रहे हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पंजाब को दिल्ली और महाराष्ट्र के राह पर नहीं जाने देना चाहते, जिनको दूसरी लहर के दौरान अभूतपूर्व समस्याओं से गुजऱना पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि इसने समूची दुनिया को अपनी चपेट में लिया हुआ है और यहाँ तक कि प्रगतिशील देश भी इसके प्रभाव से बच नहीं सके। मुख्यमंत्री ने लोगों को अपना राज्य बचाने के लिए उनकी सरकार को सहयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कोविड की चुनौतियों के दरमियान गेहूँ की खरीद के सुचारू ढंग से मुकम्मल होने पर खुुशी ज़ाहिर करते हुए इस उपलब्धि के लिए राज्य के मेहनतकश किसानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष के 129 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले इस वर्ष कुल 132 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर बीते वर्ष 24,600 करोड़ रुपए के मुकाबले इस बार किसानों को 26,000 करोड़ रुपए की आमदन हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस जंग को जीत लिया, परन्तु महामारी का ख़तरा अभी भी मंडरा रहा है।’’ उन्होंने दुख ज़ाहिर किया कि इस महामारी के 14 महीने बीत जाने के बावजूद कुछ लोग अभी भी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे।
मुख्यमंत्री ने आँकड़ों के साथ खुलासा करते हुए बताया कि पंजाब में अब तक 4.75 लाख से अधिक कोरोना के मामले आ चुके हैं और गुरूवार को 24 घंटों के दौरान 8,484 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक कुल 11,297 मौतें हुई हैं और बीते दिन कोविड से 184 जानें गईं। आज तक 9,619 मरीज़ ऑक्सीजन पर हैं, जबकि 429 मरीज़ वेंटिलेटर के सहारे पर हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Sorry Content is protected !!